28 जनवरी 2010

आज बिहार पूर्णत: बन्द रहा. क्या यह मंहगाई के खिलाफ जनता की हुंकार है?

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी आज बिहार की
सड़कों पर दिखी। इससे पूर्व लालू यादव भोंपू के सहारे लोगों से मंहगाई और
नीतीश सरकार के कार्यकलापों के खिलाफ बिहार बन्द को सफल बनाने की अपील
करते दिखे और उनकी अपील सफल रही । बिहार बन्द सफल रहा। कई जगहों पर
छिटपूट घटनाओं की भी सूचना रही पर बिहार बन्द सफल रहा। लालू जी गदगद है
और इसे जेपी अन्दोलन की तरह बता रहे है। बात जो भी हो पर मंहगाई के खिलाफ
आहूत यह बन्द सफल रहा है और उधर हमारे मुख्यमन्त्री प्रवासी बन विभिन्न
जगहों पर प्रवास कर रहे है ऐसे जैसे रोम जल रहा हो और नीरो वंशी बजा रहा
हो। विकास का राग फिलगुड की तरह ही हवा हो जाएगी ऐसा संकेत आज जनता ने दे
दी पर इसे कोई समझे तब तो। कांग्रेस की तो बिहार में आने का सपना अभी
कोसों तो दूर है और रही सही कसर मंहगाई पूरी कर रही है। इस बिहार बन्द के
सफल होने का सबसे बड़ा उदाहरण है बरबीघा की बन्दी। यह नगर कभी भी बन्द
नहीं होता और राजद का यहां न तो जनाधार है और न ही कोई नेता पर यह नगर भी
स्वत:स्फूर्त बन्द रहा।

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