25 अक्तूबर 2016

सोशल मीडिया के बहादुरों जमीन पर आओ

सोशल मीडिया के बहादुरों जमीन पर आओ

अरुण साथी (बरबीघा, बिहार)

आज ही (25/10/16) मिट्टी के दिये बनाते कुम्हारों से मिला। सोंचा जब सोशल मीडिया पे चायनीज सामान के बहिष्कार का हंगामा है तो खुशहाली की लक्षमी कुम्हारों के घर पहुँच गयी होगी। पर नहीं, कुम्हारों पे इसका कोई असर नहीं।

पिछले साल भी 30 से 40 रूपये प्रति सैंकड़ा दीया था, इस साल भी है। खरीददार अभी तक उनके पास नहीं पहुंचे है सो स्टॉक भी पिछले साल के अनुसार ही है। खरीददार रहते तो शायद स्टॉक बढ़ता।

देखिये कैसे अपनी बेटी को जमीन पे सुला कर एक कुम्हार दीया बना रहा है, उसकी आँखों में बेटी के परवरिश के सपने है।

हो सकता है बाद में दीया न मिले,
चलिये अभी ही मिट्टी का दीया खरीद लें ताकि और दीया बनाया जा सके..जागो भारत जागो..

04 अक्तूबर 2016

पकिस्तनिया

पकिस्तनिया
(अरुण साथी)
स्थान कस्बे की चाय दुकान है। स्याह कोयले की चूल्हे का सफ़ेद धुंआ के साथ गांजा का धुंआ मिश्रित होकर अजीब सा एहसास दे रहा है। चाय की इस दुकान पे शाम को बड़ी संख्या में लोग जुटते है। शिक्षक, किसान, युवा, व्यपारी, पुलिस सभी। गंजेड़ी की टीम भी शाम को ही जुटती है। गंजेड़ी टीम में तीन-चार पीढ़ी साथ साथ कस लगाते है। सरपंच साहेब सत्तर पार कर चुके है। उनकी टीम का नया सदस्य है फंटूस, सोलह साल का। लोग कहते है छँटल लफुआ है।

खैर, पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध यहाँ भी छिड़ी हुई है। मैं अपने दोस्तों के साथ चुपचाप अध्यक्ष बना हुआ सुन रहा हूँ। बहस जोरदार है। सर्जिकल स्ट्राइक पे सीने फूले हुए थे। परमाणु बम की मारक क्षमता का जिक्र ऐसे हो रहा था जैसे सभी ने परमाणु अनुसन्धान संगठन से डिप्लोमा किया है। तभी सुतिया मूंछ वाला सुखरा गरजा  "परमाणु बम छोड़ना कोई हंसी खेल है, हमारा तो एक-दो स्टेट ख़त्म होगा , पाकिस्तान नक्शा से गायब हो जायेगा।" उसकी हाँ में हाँ सभी ने मिलाया। सरपंच साहेब भी अपनी बुजुर्गियत प्रदर्शित करते हुए कहा " क्या होगा एक करोड़ लोग मारेंगे पर बारबार मरने से एक बार मरना अच्छा है। टीवी पे दिखा रहा था कि हमारे पास बहुत ताकत है, और छपन्न इंच का सीना भी तो है।" बहस गर्म ही थी। चिलम से सुट्टा लग रहा था। सुट्टा लगाने में सरपंच साहेब और सुखरा में कंपीटिशन है। सुट्टा खींच के जब सरपंच साहेब छोड़ते तो चूल्हे से निकलता धुआं भी कभी कभी कम पड़ जाता।

तभी हमेशा की तरह अनवर, इसराइल, आरिफ अपने दोस्तों के साथ वहाँ पहुंचा। वे लोग भी नियमित चाय पीने आते थे। सभी एक दूसरे से वाकिफ थे। उनलोगों के पहुँचते ही जैसे शांति समझौता हो गया। सभी एक बारगी चुप हो गए। तभी बहस को बढ़ाते हुए फंटूस बोल उठा "अरे ई पकिस्तनिया एकरी माय के..।" सरपंच साहेब उसका हाथ दबा के चुप रहने का इशारा किया..। चाय दुकानदार भी इशारे से चुप रहने का निवेदन करते हुए कहा "मेरे लिए सभी ग्राहक सामान है, आप भी वे भी...। अब मैं भी असमंजस में पड़ गया..!!

02 अक्तूबर 2016

हे बापू..













हे बापू
(आज ही इस तस्वीर को कैद किया और दो पँक्तियाँ..लिख दी )
**
सब कुछ है
तेरे देश में,
गरीबी हटाओ
का नारा है,
नेताओं का
भाषण प्यारा है..
शिक्षा और रोटी का अधिकार है,
गरीब-गुरबों की
सरकार है..


विकास का
डपोरशंख है,
सिंहगर्जन करते
महाराजा; मलंग है..
फिर भी
गू गांजते
सूअर, कुत्ते और
आदमी के बच्चे,
संग संग है...




01 अक्तूबर 2016

गांवों में दिखने लगा सोशल मीडिया का असर व्हाट्सग्रुप कैथवां चैपाल ने गांव में चलाया सफाई अभियान


गांवों में दिखने लगा सोशल मीडिया का असर

व्हाट्सग्रुप कैथवां चैपाल ने गांव में चलाया सफाई अभियान
युवाओं ने लिया बढ़-चढ़ कर हिस्सा
कई सामाजिक कार्य कर रहा है ग्रुप

शेखुपरा। बिहार



गांवों में भी सोशल मीडिया का असर साकारात्मक दिखने लगा है। इसी कड़ी में शेखपुरा के कैथवां गांव में किसानों और युवाओं के द्वारा संचालित व्हाट्सअप गु्रप ‘‘कैथवां चैपाल’’ के द्वारा गांव में सफाई अभियान चलाया गया। शनिवार को चले इस सफाई अभियान में गांव की गलियों और सड़कों की सफाई की गई। इस ग्रुप में 85 लोग सदस्य है।
जानकारी देते हुए ग्रुप के सदस्य विपलु सिंह ने बताया कि ग्रुप के लोगों ने योजना बना कर इस अभियान को अंजाम दिया। सफाई का कार्य राम नारायण सिंह के घर से मुन्ना सिंह के घर तक किया गया। साथ ही सुन्दर सिंह दुकान के आसपास सफाई की गई और दो सौ मीटर जाम नाले को पूरी तरह से साफ किया गया।
ग्रुप एडमीन भूपाल कुमार कहते है कि यह कार्य सबके सहयोग से किया गया। ग्रुप में गांव से बाहर के लोग भी जुड़े है जो मुम्बाई , दिल्ली मंे रहते और आर्थिक सहयोग कर सामाजिक कार्य को प्रेरित करते है। ग्रुप के द्वारा गांव में अनेक सामाजिक कार्य किए जा रहे है और नाटक इत्यादि भी किया जाता है।
सफाई कार्य में अंजनी, मृत्युंजय, मंटू, लुक्खर, गणेश, गौरब, बब्लू सहित अन्य ने भाग लिया। गांव के इन युवाओं की अनूठी पहल की लोग सराहना कर रहे है वहीं प्रधानामंत्री के अह्वान में स्वछता अभियान को साकार कर कैथवां गांव के लोग दूसरे को प्रेरित कर रहे है।